सनातन साहित्य (Eternal Literature)
परमपूज्य सद्गुरु श्रीचन्द्रशेखर पण्डितजी महाराजके दिव्य वचनामृतमें सनातन सत्य(परम सत्य) ऐसे परमतत्वको सरलतासे प्राप्त अर्थात् अनुभवगत करने हेतु जो मार्ग प्रशस्त हुवा वह यह है कि - “भगवान् व्यास विचार दर्शन” ।
गुरुभाव यह हैं कि – “भगवान्” का साक्षात्कार जीव मात्रका एक मात्र लक्ष्य है, जो भगवान् के ही अवतार(व्यासाय विष्णुरूपाय व्यासरूपाय विष्णवे) ऐसे वेद“व्यास” के साहित्यरूपी “विचार” को “दर्शन” अर्थात् आत्मसाध कर (ब्रह्मसाक्षात्कार) सिद्ध हो जाता है । या तो वेद“व्यास” के साहित्य पर “विचार” करने से “दर्शन” अर्थात् साक्षात्कार(सिद्ध) हो जाता है । तो यह परम साधना है कि गुरुओंके भी गुरु ऐसे भगवान् वेदव्यासजीके विचारधन अर्थात् आपश्रीके दिव्य साहित्यके दर्शन(अनुशीलन) से परम लक्ष्य अर्थात् ब्रह्म साक्षात्कारके लिए प्रयत्नशील रहें ।
इस पवित्र हेतुके अन्तर्गत परमपूज्य सद्गुरु श्रीचन्द्रशेखर पण्डितजी महाराजकी परम प्रेरणासे ही “भगवान् व्यास विचार दर्शन” नामक संस्थाका आविष्कार हुआ है । जिसका कार्यक्षेत्र है – “श्रुति-स्मृति-इतिहास-पुराण और आचार्योंके भाष्य सहित समस्त वैदिक वांग्मय एवं संस्कृत साहित्यके अलभ्य काव्य-नाट्यादि ग्रंथोंको साधकोको उपलब्ध करवाना” ।
इन भारतीय मनीषीओंके एवं सद्प्रकाशको द्वारा प्रदत्त वैदिक साहित्य हमारें यहाँ उपलब्ध हैं ।

पूज्य गुरुदेव
श्रीचन्द्रशेखर पण्डितजी
महाराज

गीता प्रेस
गोरखपुर

चोखम्बा प्रेस
काशी - वाराणसी

सस्तु साहित्य

धर्मसम्राट स्वामी श्रीकरपात्रीजी
महाराज

अनन्त श्रीविभूषित स्वामी श्रीअखण्डानन्द सरस्वतीजी महाराज

अनन्त श्रीविभूषित शंकराचार्य स्वामी श्रीस्वरूपानन्द सरस्वतीजी महाराज

अनन्त श्रीविभूषित शंकराचार्य स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वतीजी महाराज

अनन्त श्रीविभूषित शंकराचार्य स्वामी श्रीभारती तीर्थ महास्वामीजी महाराज

भगवान् श्रीरमण महर्षि

दंडी स्वामी श्रीवासुदेवानन्द सरस्वतीजी महाराज

जगतसुहृत
श्रीरंग अवधूतजी महाराज

श्रीरामकृष्ण परमहंस

स्वामी
विवेकानन्द

स्वामी
श्रीशिवानन्दजी महाराज

स्वामी
श्रीचिन्मयानन्दजी महाराज

स्वामी
श्रीकृपाल्वानन्दजी महाराज

परम भागवत
श्रीरामचन्द्र डोंगरेजी महाराज
